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Sunday, January 26, 2020

कहानी


मैने एक सपना देखा
हरेभरे एक बाग का
फुलो मे तीतलिया खेल रही थी
सूरज की किरने चमक रही थी
आम के पेड के नीचे
झुला मै झूल रही थी
चिडिया उस पे चहक रही थी...

और
आंख खुली तो पाया
बाग की जगह था एक जंगल
कॉंक्रीट का
फुल कहा से आयेंगे
सोच रही थी....

और देखा..
आम तो नही
पर IPad जरूर है
खेलने के लिये...
चारो तरफ प्रकाश ही प्रकाश है
ट्युबलाईट का..
जो अंधेरे की खूबसुरती को
छुपाये बैठा था
चिडिया चहकती तो है
पर मै ना चिडिया देख पाती
ना खुद को...

सच मे
सपना कभी बोल देता है
सच्ची कहानी ईंसान की...

खूप आनंदी आहे आयुष्य

खूप आनंदी आहे आयुष्य  भरभरून जगले तर  सुख दुःखांच्या पार जाऊन  क्षणाक्षणांनी वेचले तर  खूप आनंदी आहे आयुष्य  टवटवीत ठेवले तर  भरल्या आभाळाकड...